चुनावी रणनीतिकार और जन सुराज पार्टी के संयोजक प्रशांत किशोर शनिवार को इंडिया टीवी के आप की अदालत शो में आए और बिहार के राजनीतिक माहौल समेत कई राजनीतिक मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त किए। इंडिया टीवी के चेयरमैन और एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा के मशहूर टीवी शो ‘आप की अदालत’ में सवालों के जवाब देते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि जिन लोगों ने लालू प्रसाद यादव के जंगलराज को देखा है, वे कभी भी आरजेडी को वोट नहीं देंगे। किशोर ने कहा कि लालू फेनोमेन, जिसे आम बोलचाल की भाषा में जंगलराज का डर कहा जाता है, जेडीयू के 12 सीटें जीतने का कारण बना।
उन्होंने कहा, “पिछले 25-30 सालों से बिहार में लालू सबसे बड़ा फैक्टर रहा है। बिहार में मतदाताओं का एक बड़ा वर्ग, जिसने राजद शासन के दौरान 15 साल तक जंगल राज देखा है, वह कभी लालू को वोट नहीं देगा। नीतीश कुमार ने 12 लोकसभा सीटें सिर्फ इसी लालू फैक्टर की वजह से जीतीं।”
जन सुराज की परिकल्पना के प्रशांत किशोर
अगले महीने अपनी जन सुराज पार्टी शुरू करने की तैयारी कर रहे प्रशांत किशोर सक्रिय रूप से लोगों के बीच जा रहे हैं। अपनी पार्टी की योजनाओं और विजन के बारे में उन्होंने कहा कि वे अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए अपनी पार्टी के खर्च के लिए बिहार के करीब 2 करोड़ लोगों से 100-100 रुपये इकट्ठा करेंगे। उन्होंने कहा, “मेरी पार्टी का जोर शिक्षा और विकास पर रहेगा।”
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‘भाजपा अगले 30 वर्षों तक राजनीतिक धुरी रहेगी’: किशोर
भाजपा के भविष्य के बारे में भविष्यवाणी करते हुए किशोर ने कहा कि भाजपा अगले 25 से 30 वर्षों तक राष्ट्रीय परिदृश्य पर राजनीतिक धुरी बनी रहेगी, चाहे वह चुनाव जीते या हारे। उन्होंने कहा, “कांग्रेस 1950 से 1990 तक राजनीतिक धुरी थी और अब यह धुरी कांग्रेस से भाजपा की ओर स्पष्ट रूप से स्थानांतरित हो गई है।”
यूपी में भाजपा की हार पर प्रशांत किशोर
रजत शर्मा ने चुनाव रणनीतिकार से यह भी पूछा कि क्या यूपी में बीजेपी की चुनावी हार अमित शाह और योगी आदित्यनाथ के बीच कथित मतभेदों की वजह से हुई है। इस पर प्रशांत किशोर ने कहा, “मैं इसे व्यक्तिगत प्रतिद्वंद्विता के तौर पर नहीं देखता। लेकिन अगर आप इसे व्यापक परिप्रेक्ष्य से देखें, तो मैं 2009 के लोकसभा चुनावों का उदाहरण दे सकता हूं। उस समय मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे और लालकृष्ण आडवाणी पार्टी के राष्ट्रीय नेता थे। 2009 में गुजरात में बीजेपी ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया, लेकिन मैं यह नहीं कह रहा हूं कि मोदी के समर्थकों ने आडवाणी के अभियान को नुकसान पहुंचाया। जो संदेश गया, वह यह था कि अगर आडवाणी जीत गए, तो हमारे नेता मोदी को पीएम बनने में और समय लगेगा। शायद इस बार उत्तर प्रदेश में यही हुआ हो।”
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प्रशांत किशोर ने आगे कहा, “कुछ लोगों को लगा कि अगर मोदी और अमित शाह भारी बहुमत से जीत गए तो योगी की कुर्सी चली जाएगी। उस समय केजरीवाल ने योगी के बारे में जो कहा वो लोगों को समझ में आ गया। बिहार में भी मेरी पदयात्रा के दौरान लोगों ने मुझसे पूछा कि अगर बीजेपी 400 सीटें जीत गई तो क्या योगी को हटा दिया जाएगा। ऐसा नहीं है कि योगी ने अपने समर्थकों से बीजेपी उम्मीदवारों को हराने के लिए कहा हो। यह मेरा विषय नहीं है और मैं आमतौर पर ऐसे मामलों पर नहीं बोलता। लेकिन योगी के समर्थकों के बीच संदेश जरूर गया।”
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