कांग्रेस नेता और विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को पार्टी के नवनियुक्त सचिवों और संयुक्त सचिवों से मुलाकात की और सभी से गुटबाजी से दूर रहने का आग्रह किया और कहा कि अगर उनके पास कोई मुद्दा है तो उसे सार्वजनिक न करें, बल्कि पार्टी के मंच पर उसे उठाएं। बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और पार्टी के महासचिव केसी वेणुगोपाल शामिल हुए।
इस पहली बैठक में कांग्रेस नेतृत्व का संदेश स्पष्ट था कि नेताओं को अच्छा प्रदर्शन करना होगा और छह महीने बाद उनके प्रदर्शन की समीक्षा की जाएगी तथा जवाबदेही तय की जाएगी।
सूत्रों के अनुसार, राहुल गांधी ने कहा कि भविष्य के नेता इन्हीं नेताओं में से निकलेंगे और कहा कि नेतृत्व का काम जूनियर लोगों को बढ़ावा देना है, न कि उन्हें खारिज करना।
हालांकि, उन्होंने सभी को गुटबाजी से दूर रहने की सख्त चेतावनी दी और नेताओं से कहा कि यदि उनके पास कोई मुद्दा है तो उसे सार्वजनिक न करें, बल्कि पार्टी मंच पर उसे उठाएं।
पार्टी के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल ने नेताओं से महीने में कम से कम पंद्रह दिन अपने राज्यों में रहने को कहा। उन्होंने यह भी कहा कि सभी नए पदाधिकारियों के प्रदर्शन की छह महीने में समीक्षा की जाएगी।
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि पार्टी के पास सीमित संसाधन हैं, इसलिए सभी नए पदाधिकारियों को उसी में काम चलाना होगा।
इस दौरान राहुल गांधी ने सभी से संविधान को बचाने और देश भर में कांग्रेस पार्टी की विचारधारा की रक्षा करने को कहा।
कुछ सचिवों द्वारा यह सुझाव भी दिया गया कि राज्यों में प्रवक्ता और जिला अध्यक्ष नियुक्त करने से पहले पार्टी को पार्टी की विचारधारा के प्रति प्रतिबद्धता सुनिश्चित करनी चाहिए।