केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने सोमवार को कुआलालंपुर में 10वें एशिया-प्रशांत बधिर खेलों में रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन करके लौटने पर भारतीय टीम को सम्मानित किया। भारतीय एथलीटों ने 10वें एशिया-प्रशांत बधिर खेलों में अभूतपूर्व 55 पदक जीते, जो 2015 में उनकी पिछली भागीदारी में पांच पदक से 11 गुना अधिक है।
भारत ने 68 सदस्यीय दल भेजा था जिसमें 42 पुरुष और 26 महिलाएं थीं। 55 पदक तालिका में 8 स्वर्ण, 18 रजत और 29 कांस्य पदक शामिल हैं, जिसमें भारत 21 देशों में से पांचवें स्थान पर रहा। भारत ने पिछली बार ताइवान में 2015 संस्करण में पांच पदक (2 स्वर्ण, 3 रजत) जीते थे।
मंडाविया ने एथलीटों से मुलाकात की और उन्हें उनके ऐतिहासिक प्रदर्शन के लिए बधाई दी। “मैं मलेशिया में एशिया-प्रशांत बधिर खेलों में 55 पदक जीतकर देश का गौरव और सम्मान बढ़ाने के लिए भारतीय बधिर टीम को बधाई देना चाहता हूं। देश खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। भारत सरकार इसके लिए कई पहल कर रही है।” डॉ. मंडाविया ने भारतीय दल को संबोधित करते हुए कहा, खेल के बुनियादी ढांचे, प्रशासन और विशेष कोचिंग में सुधार करें। जब आप राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करते हैं तो आप सिर्फ अपने लिए नहीं जीतते, बल्कि आपके साथ देश भी जीतता है।
“2015 में हमने एक छोटी टीम भेजी थी और कम संख्या में पदक लेकर लौटे थे। लेकिन मुझे यह बताते हुए बेहद खुशी हो रही है कि इस बार 68 खिलाड़ियों ने 7 अलग-अलग विषयों में प्रतिस्पर्धा की और उन्होंने एशिया-प्रशांत बधिर खेलों में 55 पदक जीते हैं। मैं मुझे बहुत गर्व है कि देश में सकारात्मक बदलाव हो रहा है और यह सही दिशा में आगे बढ़ रहा है।”
एथलेटिक्स में सर्वाधिक 28 पदक (5 स्वर्ण, 12 रजत, 11 कांस्य) आये। बैडमिंटन ने छह (3 रजत, 3 कांस्य), शतरंज ने तीन (1 रजत, 2 कांस्य), जूडो ने 7 (2 स्वर्ण, 5 कांस्य), टेबल टेनिस ने 3 (1 रजत, 2 कांस्य) और कुश्ती ने 8 (1) पदक दिलाए। सोना, 1 रजत, 6 कांस्य)।
2024 एशिया-प्रशांत बधिर खेलों में शीर्ष पदक विजेता:
- प्रियंग परमराज
- रिधम शर्मा
- विनीत मणि
- सान्या डोंगरे
- जेरलिन अनिका जयारचगन
- सुमित दहिया
- मिलनमीत कौर