जो लोग सुबह-सुबह सैर पर जाते हैं वे कई बीमारियों से बच सकते हैं। सुबह टहलने से शरीर का मेटाबॉलिक रेट बढ़ता है, जिससे आप कई बीमारियों से बच सकते हैं। यह वजन घटाने से लेकर मधुमेह तक कई जीवनशैली संबंधी बीमारियों को रोकने में मदद करता है। लेकिन सुबह की सैर करते समय हम कुछ नियम भूल जाते हैं, जिससे शरीर को इसका पूरा फायदा नहीं मिल पाता है। तो चलिए आज हम मॉर्निंग वॉक से जुड़ी कुछ जरूरी बातों के बारे में जानेंगे कि मॉर्निंग वॉक कितनी देर करनी चाहिए और इस दौरान किन बातों का विशेष ध्यान देना चाहिए।
मॉर्निंग वॉक करते समय इस बात का रखें सबसे ज्यादा ध्यान:
मॉर्निंग वॉक करते समय आपको इस बात का बहुत ध्यान देने की जरूरत है। सबसे पहले तो आपको सुबह की सैर के दौरान तेज चलने पर विशेष ध्यान देना चाहिए। इस दौरान आपको इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि आपकी सांस लेने की गति क्या है और आपके चलने की गति क्या है। इसलिए सुबह की सैर के दौरान अपनी चलने की गति पर ध्यान दें।
टहलने के दौरान गति क्या होनी चाहिए?
उदाहरण के लिए, तेज चलना 13 से 20 मिनट प्रति मील या 3.0 से 4.5 मील प्रति घंटे तक हो सकता है। इस गति से आपको काफी जोर से सांस लेनी चाहिए। इस पर ध्यान देकर आप पैदल चलने के सभी फायदे पा सकते हैं, जैसे वजन कम करना, शुगर कंट्रोल करना और फैट कम करना। इसलिए टहलें लेकिन इन बातों का विशेष ध्यान भी रखें।
सुबह की सैर कितनी देर तक करनी चाहिए?
वेबएमडी के अनुसार, अधिकांश अध्ययनों से पता चलता है कि हर दिन 20 से 30 मिनट तक चलना आवश्यक है; अन्यथा इससे शरीर को कोई फायदा नहीं होता है। सप्ताह में पांच दिन लगातार 20 से 30 मिनट तक टहलने से व्यापक लाभ होता है। अगर आप इससे कम करते हैं तो इससे शरीर की गतिविधियों पर उतना असर नहीं पड़ता, जितना होना चाहिए, जैसे रक्त संचार या मेटाबॉलिक रेट।
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