प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना (पीएमवीवाई) केंद्र सरकार की एक प्रमुख योजना है जिसका उद्देश्य देश भर के पारंपरिक शिल्पकारों और कारीगरों को वित्तीय सहायता और कौशल विकास के अवसर प्रदान करना है। यह कार्यक्रम वित्तीय सहायता से परे कई लाभ प्रदान करता है, जिससे यह लाभार्थियों के लिए एक महत्वपूर्ण सहायता कार्यक्रम बन जाता है।
पीएम विश्वकर्मा योजना में शामिल होने के लिए कौन पात्र है?
पारंपरिक व्यापार से जुड़े व्यक्ति इस योजना के लिए आवेदन करने के पात्र हैं। यह भी शामिल है:
- मूर्तिकार और पत्थर तराशने वाले
- सुनार
- गुड़िया और खिलौने बनाने वाले
- मोची और मोची
- उपकरण और हथौड़ा निर्माता
- ताले बनाने वाले
- हेयरड्रेसर (नाई)
- मछली पकड़ने का जाल बनाने वाले
- टोकरी, चटाई और झाड़ू बनाने वाले
- राजमिस्त्री और नाविक
- लोहार
- बुनकर और दर्जी
- धोबी
यदि ये व्यापारी पात्रता मानदंडों को पूरा करते हैं तो वे दावा कर सकते हैं और योजना का लाभ उठा सकते हैं।
पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत मुख्य लाभ:
- वित्तीय सहायता: लाभार्थियों को उनके व्यवसाय के लिए आवश्यक उपकरणों की खरीद के लिए 15,000 रुपये मिलते हैं।
- कौशल विकास प्रशिक्षण: सूचीबद्ध व्यक्तियों को उनके कौशल को बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। प्रशिक्षण अवधि के दौरान उनका दैनिक खर्च लगभग 500 रुपये है।
- प्रोत्साहन: इस योजना में उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन शामिल हैं।
- ऋण सुविधा:
- प्रारंभ में बिना किसी गारंटी के कम ब्याज दर पर 1 लाख रुपये का ऋण प्रदान किया जाता है।
- लाभार्थी निर्धारित अवधि के भीतर पहला ऋण चुकाकर 2 लाख रुपये का अतिरिक्त ऋण प्राप्त कर सकते हैं।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों को संसाधन, प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता के प्रावधान को प्रोत्साहित करना है ताकि वे सफलतापूर्वक अपनी आजीविका स्थापित और विकसित कर सकें।
यदि आप उपरोक्त व्यवसायों में से किसी से संबंधित हैं, तो आप पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं और अपने व्यापार और आय को बढ़ाने के लिए इसका लाभ उठा सकते हैं।
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