हिमाचल प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता और भाजपा नेता जयराम ठाकुर ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि हिमाचल प्रदेश सरकार निगरानी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर रही है और फोन टैप किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब वह विधानसभा के लिए निकल रहे थे, तो उन्होंने अपने आवास के ऊपर एक ड्रोन देखा।
उन्होंने आरोप लगाया, “जब मैं आज विधानसभा के लिए निकल रहा था, तो मैंने अपने घर के ऊपर एक ड्रोन देखा। यह सरकार निजता का हनन कर रही है। फोन पहले से ही टैप किए जा रहे हैं और अब ड्रोन का इस्तेमाल निगरानी के लिए भी किया जा रहा है…सीएम को इस पर जवाब देना चाहिए था, लेकिन वह इस पर चुप रहे।”
यह घटनाक्रम गुरुवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा में भाजपा द्वारा वॉकआउट किए जाने के बाद सामने आया है। भाजपा ने आरोप लगाया था कि राज्य के पांच आबकारी जिलों में शराब की दुकानों की नीलामी आरक्षित मूल्य से कम पर की गई।
भाजपा के रणधीर शर्मा के सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि नीलामी-सह-निविदा नीति से राज्य सरकार को 485.18 करोड़ रुपये का राजस्व मिला है, जबकि भाजपा सरकार के पांच साल के कार्यकाल में कुल राजस्व केवल 665.42 करोड़ रुपये ही रहा। उन्होंने कहा कि नीलामी में पूरी पारदर्शिता बरती गई है।
हालांकि शर्मा ने कहा कि पांच आबकारी जिलों शिमला, कांगड़ा, चंबा, नूरपुर और ऊना में शराब की दुकानों की नीलामी आरक्षित मूल्य से कम पर की गई और आरोप लगाया कि यह एक घोटाला है। उन्होंने न्यायिक जांच और शराब की दुकानों की फिर से नीलामी की मांग की।
सुक्खू ने कहा कि उनकी सरकार आने के बाद यह पारदर्शी तरीके से काम कर रही है, जबकि भाजपा सरकार ने चार साल तक नीलामी नहीं की और केवल लाइसेंस का नवीनीकरण किया, जिससे राजस्व का नुकसान हुआ।
उन्होंने कहा कि सरकार ने ऑनलाइन नीलामी प्रक्रिया अपनाई और इसमें कोई भेदभाव नहीं किया गया तथा चालू वित्त वर्ष के दौरान नूरपुर और ऊना में सात बार, शिमला में नौ बार, कांगड़ा में आठ बार तथा चम्बा में छह बार नीलामी की गई तथा इससे अधिक राजस्व प्राप्ति की आशा है।
(एजेंसियों से प्राप्त इनपुट के साथ)