रेलवे सूत्रों के अनुसार, उत्तर रेलवे ने पहलवान विनेश फोगट और बजरंग पुनिया के इस्तीफे स्वीकार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। दोनों को “जितनी जल्दी हो सके” अपने पद से मुक्त कर दिया जाएगा। यह घटनाक्रम उनके हाल ही में राजनीति में प्रवेश करने के बाद हुआ है, जब कांग्रेस ने फोगट को हरियाणा विधानसभा चुनाव में जुलाना निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतारा है।
रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पुष्टि की कि कर्मचारियों के मामले में इस्तीफा देने के लिए तीन महीने की मानक नोटिस अवधि को माफ कर दिया जाएगा। अधिकारी ने कहा, “तीन महीने की नोटिस अवधि की सेवा करने का प्रावधान प्रक्रिया में बाधा नहीं बनेगा। हमने दोनों खिलाड़ियों के इस्तीफे में तेजी लाने का फैसला किया है।”
गौरतलब है कि हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए फोगट और पुनिया ने भारतीय रेलवे से इस्तीफा दे दिया था, जब उत्तर रेलवे (एनआर) ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया था। उत्तर रेलवे का वे हिस्सा थे। रेलवे ने स्पष्ट किया था कि कारण बताओ नोटिस मानक सेवा मानदंडों का हिस्सा थे, क्योंकि उस समय दोनों सरकारी कर्मचारी थे। नोटिस मिलने के बाद उन्होंने अपना इस्तीफा सौंप दिया।
हालांकि, यह ध्यान देने योग्य बात है कि खिलाड़ियों ने भले ही इस्तीफे को अंतिम पुनरुत्थान के रूप में देखा हो, लेकिन फोगाट के लिए तनाव अभी भी बना हुआ है, क्योंकि उनके इस्तीफे के बाद, व्यापक रूप से अटकलें लगाई जा रही थीं कि वह चुनाव नहीं लड़ पाएंगी, क्योंकि रेलवे ने इसे स्वीकार नहीं किया है। (चुनाव नियमों के अनुसार, चुनाव लड़ने के लिए उन्हें रेलवे से आधिकारिक रूप से मुक्त होना चाहिए।)
लेकिन अब इस पूरे घटनाक्रम के बीच रेलवे के एक अधिकारी ने इस मामले पर सफाई दी है। उन्होंने कहा, “अब रेलवे द्वारा उनके इस्तीफे की प्रक्रिया तेज कर दी गई है, इसलिए अब उनके चुनाव लड़ने में कोई बाधा नहीं है।”
(पीटीआई से इनपुट्स सहित)
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