दिल्ली आबकारी नीति मामला: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बड़ी राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आज (13 सितंबर) शराब नीति मामले से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में उन्हें जमानत दे दी। केजरीवाल की जमानत याचिका मंजूर करने के अलावा, दो जजों की बेंच की अध्यक्षता कर रहे जस्टिस सूर्यकांत ने कथित शराब घोटाले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा गिरफ्तारी की वैधता को चुनौती देने वाली उनकी अलग याचिका को खारिज कर दिया।
दूसरे न्यायाधीश न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां ने अलग से अपनी राय देते हुए सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी के समय पर गंभीर सवाल उठाए और केंद्रीय एजेंसी द्वारा देरी से की गई गिरफ्तारी को अनुचित बताया।
दिल्ली आबकारी नीति मामले और केजरीवाल की गिरफ्तारी की घटनाक्रम
नवंबर 2021दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति की घोषणा की।
जुलाई 2022: दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) वीके सक्सेना ने संबंधित आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच की सिफारिश की है।
अगस्त 2022: अरविंद केजरीवाल के खिलाफ ईडी और सीबीआई दोनों ने मामले दर्ज किए हैं।
सितंबर 2022: दिल्ली सरकार ने आबकारी नीति को ख़त्म करने का फैसला किया।
30 अक्टूबर, 2023: ईडी ने संबंधित मामले में दिल्ली के सीएम को समन भेजा। ईडी ने शराब नीति घोटाले के सिलसिले में अरविंद केजरीवाल को अपना पहला समन जारी किया।
2 नवंबर, 2023केजरीवाल ने समन को दरकिनार कर मध्य प्रदेश में राजनीतिक रैली में हिस्सा लिया
केजरीवाल 2 नवंबर को पहले सम्मन पर उपस्थित नहीं होंगे और एक राजनीतिक रैली के लिए मध्य प्रदेश के सिंगरौली की यात्रा करेंगे।
21 दिसंबर, 2023 और 3 जनवरी, 2024केजरीवाल को पूछताछ के लिए दो और समन जारी किए गए।
केजरीवाल ने दूसरे समन पर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और इसे अवैध तथा राजनीति से प्रेरित बताया।
18 जनवरी, 2024 और 2 फ़रवरी, 2024दिल्ली के मुख्यमंत्री को दो और समन भेजे गए। वे दोनों में शामिल नहीं हुए।
केजरीवाल तीसरे समन पर भी पेश नहीं हुए, उन्होंने केंद्र सरकार पर साजिश का आरोप लगाया। ईडी ने 18 जनवरी के लिए चौथा समन जारी किया। केजरीवाल ने समन का जवाब देते हुए सवाल किया कि उन्हें इस मामले में आरोपी क्यों नहीं बनाया गया।
3 फ़रवरी, 2024: ईडी ने समन से बचने के लिए दिल्ली के सीएम के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया।
7 फरवरी, 2024: अदालत ने केजरीवाल को सम्मन जारी किया।
फ़रवरी 2024: ईडी ने दिल्ली के सीएम को 19 फरवरी, 26 फरवरी और 4 मार्च को समन जारी किया। केजरीवाल सातवीं बार भी समन पर पेश नहीं हुए।
केजरीवाल पांचवें समन पर उपस्थित नहीं हुए और प्रवर्तन निदेशालय ने गैर-अनुपालन का आरोप लगाते हुए अदालत का रुख किया। दिल्ली की अदालत ने केजरीवाल को उस दिन व्यक्तिगत रूप से पेश होने से छूट दे दी। केजरीवाल सातवें समन पर उपस्थित नहीं हुए, आप ने दावा किया कि समन अवैध था और उसका उत्तर नहीं दिया गया।
मार्च 2024: अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी
अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय ने आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले में गिरफ्तार कर लिया था। इस तरह वे गिरफ्तार होने वाले पहले मुख्यमंत्री बन गए।
यह जांच एजेंसी द्वारा जारी समन (कुल नौ समन) को महीनों तक टालने और उन्हें अवैध बताने के बाद हुआ है। केजरीवाल को ईडी द्वारा उनके खिलाफ दायर दो शिकायतों में जमानत मिल गई है, जिसमें समन न देने का आरोप लगाया गया है। उन्होंने समन के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया। न्यायालय ने उन्हें संरक्षण देने से इनकार कर दिया, जिसके बाद उन्होंने शीर्ष न्यायालय का रुख किया।
अप्रैल 2024दिल्ली की एक अदालत ने गिरफ्तारी के खिलाफ केजरीवाल की याचिका खारिज कर दी। उन्होंने आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। इसी महीने ईडी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि केजरीवाल मनी लॉन्ड्रिंग के दोषी हैं।
मई 2024: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को 1 जून तक के लिए अंतरिम जमानत दे दी। आम चुनावों से पहले, सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को कुछ शर्तों के साथ 1 जून तक जमानत दी, जो लोकसभा चुनाव में सातवें और अंतिम चरण का मतदान था।
उनसे दोबारा आत्मसमर्पण करने को कहा गया और सीएम ने तय तिथि पर आत्मसमर्पण कर दिया।
जून 2024केजरीवाल ने 2 जून को तिहाड़ जेल में आत्मसमर्पण कर दिया।
दिल्ली की अदालत ने केजरीवाल की अंतरिम जमानत याचिका पर 5 जून तक फैसला सुरक्षित रखा है। इसने दिल्ली के सीएम को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया। उसी महीने, अदालत ने उन्हें नियमित जमानत दे दी। हालांकि, ईडी ने जमानत के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया। बाद में सीबीआई ने भ्रष्टाचार के मामले में 26 जून को उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
जुलाई 2024: सुप्रीम कोर्ट ने ईडी मामले में केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी
सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत दे दी है, जिससे दिल्ली आबकारी नीति मामले में ईडी द्वारा मार्च में उनकी गिरफ्तारी की वैधता और आवश्यकता पर सवाल उठ रहे हैं। केजरीवाल अभी भी हिरासत में हैं, क्योंकि उन्हें उसी आबकारी नीति मामले में सीबीआई मामले में गिरफ्तारी का सामना करना पड़ रहा है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने केजरीवाल की जमानत रद्द करने की ईडी की याचिका पर सुनवाई 15 जुलाई तक टाल दी है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने केजरीवाल की जमानत को चुनौती देने वाली ईडी की याचिका पर सुनवाई 7 अगस्त के लिए निर्धारित की है।
अगस्त 2024दिल्ली हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी पर सीबीआई के फैसले को बरकरार रखा
दिल्ली उच्च न्यायालय ने केजरीवाल को गिरफ्तार करने के सीबीआई के फैसले को बरकरार रखा तथा उन्हें जमानत के लिए निचली अदालत में जाने का निर्देश दिया।
केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट पहुंचे
केजरीवाल ने दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। कोर्ट ने सीबीआई को जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है और मामले की सुनवाई 5 सितंबर को तय की है।
सितंबर 2024: सुप्रीम कोर्ट ने जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा
उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका और दिल्ली आबकारी नीति मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत सीबीआई द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।
6 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने एक दोषी की सजा माफी पर निर्णय लेने में देरी से संबंधित याचिका पर सुनवाई करते हुए पूछा था कि क्या अरविंद केजरीवाल पर जेल से अपने आधिकारिक कर्तव्यों का निर्वहन करने पर कोई प्रतिबंध है।
13 सितंबर, 2024: अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आबकारी नीति मामले से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में जमानत देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को आप ने ‘सत्य की जीत’ बताया। सीबीआई द्वारा आबकारी नीति मामले में केजरीवाल को जमानत देने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने उनकी रिहाई का रास्ता साफ कर दिया है।
न्यायमूर्ति कांत ने अपने फैसले में कहा कि केजरीवाल को सीबीआई मामले में 10 लाख रुपये के जमानत बांड पर जमानत दी जाती है। साथ ही उन्हें मामले पर कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं करने का निर्देश दिया जाता है।