नई दिल्ली:
जमानत मिलने और छह महीने बाद जेल से बाहर आने के दो दिन बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज दोपहर पार्टी की बैठक में शीर्ष पद से अपने इस्तीफे की घोषणा की। उन्होंने कहा, “दो दिन बाद मैं मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दूंगा। जब तक जनता अपना फैसला नहीं सुना देती, मैं उस कुर्सी पर नहीं बैठूंगा। दिल्ली में चुनाव होने में अभी कई महीने बाकी हैं। मुझे कानूनी अदालत से न्याय मिला, अब मुझे जनता की अदालत से न्याय मिलेगा। मैं जनता के आदेश के बाद ही मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठूंगा।”
उन्होंने कहा, “मैं दिल्ली के लोगों से पूछना चाहता हूं कि केजरीवाल निर्दोष हैं या दोषी? अगर मैंने काम किया है तो मुझे वोट दें।” उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी के लिए नया मुख्यमंत्री चुनने के लिए अगले दो दिनों के भीतर आप विधायकों की बैठक होगी।
आम आदमी पार्टी (आप) के नेता ने कहा कि उनके इस्तीफे के बाद पार्टी के किसी सदस्य को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि वह लोगों के बीच जाएंगे और उनका समर्थन मांगेंगे। श्री केजरीवाल ने यह भी मांग की कि राष्ट्रीय राजधानी में फरवरी में होने वाले चुनाव महाराष्ट्र में होने वाले चुनावों के साथ ही नवंबर में कराए जाएं।
आप कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने नरेन्द्र मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला और कहा कि यह सरकार अंग्रेजों से भी ज्यादा तानाशाह है।
उन्होंने कहा कि गिरफ़्तारी के बावजूद उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा नहीं दिया क्योंकि वे लोकतंत्र को बचाना चाहते थे। उन्होंने कहा, “उन्होंने (कर्नाटक के मुख्यमंत्री) सिद्धारमैया, (केरल के मुख्यमंत्री) पिनाराई विजयन, (बंगाल की मुख्यमंत्री) ममता दीदी (बनर्जी) के ख़िलाफ़ मामले दर्ज किए हैं। मैं गैर-बीजेपी से अपील करना चाहता हूं कि अगर वे आपके ख़िलाफ़ मामले दर्ज करते हैं तो इस्तीफ़ा न दें। यह उनका नया खेल है।”
श्री केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से भी बात की है। श्री सिसोदिया को भी हाल ही में दिल्ली की शराब नीति से जुड़े भ्रष्टाचार के आरोपों के सिलसिले में जमानत दी गई थी। उन्होंने कहा, “मैंने मनीष से बात की, उन्होंने भी कहा है कि वे तभी पद संभालेंगे जब लोग कहेंगे कि हम ईमानदार हैं। अब मेरा और सिसोदिया का भाग्य आपके हाथों में है।”
इस चौंकाने वाले घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के हरीश खुराना ने सवाल किया कि आप नेता नाटक क्यों कर रहे हैं। “48 घंटे बाद क्यों? उन्हें आज ही इस्तीफा दे देना चाहिए। पहले भी उन्होंने ऐसा किया है। दिल्ली के लोग पूछ रहे हैं, वह सचिवालय नहीं जा सकते, दस्तावेजों पर हस्ताक्षर नहीं कर सकते? फिर क्या मतलब है?” यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा समय से पहले चुनाव के लिए तैयार है, श्री खुराना ने जवाब दिया, “हम तैयार हैं, चाहे आज हो या कल। हम 25 साल बाद दिल्ली की सत्ता में लौटेंगे।”
दिल्ली कांग्रेस ने श्री केजरीवाल के इस्तीफे का स्वागत करते हुए कहा कि देर आए दुरुस्त आए। दिल्ली कांग्रेस प्रमुख देवेंद्र यादव ने कहा, “बेहतर होता अगर उन्होंने उस समय इस्तीफा दे दिया होता जब दिल्ली बाढ़ और पेयजल की कमी से जूझ रही थी। मुझे उम्मीद है कि दिल्ली को जल्द ही एक नया मुख्यमंत्री मिलेगा जो अपने कार्यालय जाकर फाइलों पर हस्ताक्षर कर सके।”