पूरे उत्तर भारत में सर्दी के मौसम ने दस्तक दे दी है. सर्दी का मौसम अपने साथ ठंडी हवा और ढेर सारी खुशियां लेकर आता है, लेकिन साथ ही इस मौसम में बीमारियों का खतरा भी ज्यादा रहता है। सर्दी के मौसम में खासतौर पर बच्चों और बुजुर्गों में बीमारियां देखने को मिलती हैं। बच्चों और बुजुर्गों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, जिससे उन्हें ठंडी हवाओं के कारण बीमारियों का खतरा रहता है। बड़ों को सर्दी में स्वस्थ रहने के तरीके सिखाए जा सकते हैं, लेकिन बच्चे किसी भी हाल में नहीं सुनते। यहां 5 ऐसे टिप्स दिए गए हैं, जिनका पालन करके नए माता-पिता अपने बच्चों की सेहत का ख्याल रख सकते हैं।
1. तेल हीटर का प्रयोग करें
अक्सर माता-पिता अपने बच्चों के कमरे को गर्म करने के लिए रॉड हीटर और ब्लोअर का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन ये दोनों ही चीजें बच्चे की सेहत के लिए हानिकारक होती हैं। रॉड हीटर और ब्लोअर कमरे की नमी को सोख लेते हैं। इससे बच्चों को डिहाइड्रेशन की समस्या हो जाती है। इतना ही नहीं, डिहाइड्रेशन के कारण बच्चों में सर्दी, खांसी और नाक बंद होने की समस्या भी हो जाती है। इसलिए बच्चों के कमरे को गर्म करने के लिए ऑयल हीटर का इस्तेमाल करना चाहिए। ऑयल हीटर कमरे में नमी बनाए रखते हैं, जिससे बच्चों को सांस लेने में परेशानी नहीं होती है।
2. अपने कपड़ों का ख्याल रखें
सर्दियों में अपने बच्चों को ठंडी हवाओं से बचाने के लिए माता-पिता अक्सर अपने कपड़ों को अधिक परत में लपेटते हैं। सर्दियों में बच्चों को ज्यादा कपड़े पहनाने से भी स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। ध्यान रखें कि बच्चों को सर्दियों में एक वयस्क की तुलना में केवल एक परत अधिक की आवश्यकता होती है। बच्चों को परतों में कपड़े पहनाना सबसे अच्छा तरीका है ताकि ज़रूरत पड़ने पर कपड़े उतारे जा सकें। ऊनी टोपी, मोज़े और दस्ताने अवश्य पहनें, क्योंकि अधिकांश गर्मी सिर, हाथों और पैरों से निकलती है।
3. नेज़ल ड्रॉप्स का प्रयोग करें
सर्दियों में अक्सर बच्चों को सर्दी, खांसी और नाक बंद होने की समस्या हो जाती है। अगर आपके बच्चे को नाक बंद होने के कारण नाक से बदबू आ रही है और सांस लेने में परेशानी हो रही है तो नेज़ल ड्रॉप्स का इस्तेमाल जरूर करें। नेज़ल ड्रॉप्स के इस्तेमाल से बच्चों की नाक की रुकावट दूर हो जाती है। अगर बच्चों को सर्दी-खांसी से ज्यादा परेशानी हो रही है तो दवा लेने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
4. धूप में बैठें
सर्दी के मौसम में बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए धूप बहुत जरूरी है। बच्चों के लिए सूरज की रोशनी विटामिन डी का सबसे अच्छा स्रोत है। बच्चों को रोजाना सुबह 15-20 मिनट धूप में अवश्य बैठाएं। धूप में बैठने से बच्चों के शरीर को प्राकृतिक रूप से गर्माहट मिलती है, जिससे बीमारियों का खतरा कम हो जाता है।
5. तेल से मालिश करें
सर्दियों के मौसम में तेल मालिश से बच्चों की त्वचा की संवेदनशीलता में सुधार होता है और त्वचा में नमी बनी रहती है। बच्चों के शरीर की मालिश के लिए माता-पिता नारियल या बादाम के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। बच्चों की मालिश कभी भी वनस्पति तेल से नहीं करनी चाहिए।
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